नंगे घुटनों वाली सहनशक्ति की प्रतियोगिता, गर्भधारण कराने वाले अनाचार में बदल जाती है! बेटी चरमसुख की अनुभूति से इतनी उत्तेजित है कि वह अपने पिता का लिंग अपने अंदर चाहती है! जब पिता उसकी पैंटी पर थप्पड़ मारता है, तो उसका प्रेमरस चिपचिपा और तार जैसा होता है, और वह इतना उत्तेजित होता है कि अपना लिंग उसकी भगनासा पर रगड़ता है! बेटी की योनि दूधिया सफ़ेद रस से भरी हुई है जो वीर्य जैसा दिखता है! सिर्फ़ नंगे घुटनों से सहलाना काफ़ी नहीं है, इसलिए वह उसे कच्चा ही अंदर डाल देता है! चारों माता-पिता-बच्चे की जोड़ी को कच्चा क्रीमपाई मिलता है!