हमेशा की तरह, यह एक वर्जित मुलाक़ात की तरह शुरू हुआ... साथ बिताए उनके छोटे, सीमित समय में, उनकी भावनाएँ तीव्र रूप से भड़क उठीं। बेशक, यह सिर्फ़ उनकी भावनाएँ नहीं थीं, वे एक-दूसरे के शरीर से जी भरकर प्यार करते थे, उनके हर एक इंच को निगल जाते थे। देर रात तक, नहीं, भोर तक, आइए हम उसकी आँखों, उसके होंठों, उसके खूबसूरत उभारों और यहाँ तक कि उसके गीले बगीचे को जी भरकर निहारते रहें। आइए हम अपनी जीभों को बार-बार जोश से आपस में मिलाएँ, खुद को आनंद की लहरों के हवाले कर दें, और वासना के अंतहीन दलदल में डूब जाएँ...