कॉक-पोन♪ अधेड़ उम्र के लोग भी ज़िंदगी भर पढ़ाई करते हैं! घंटी बजती है। धीरे-धीरे मैं करीब आता हूँ। और मेरे दिल का दरवाज़ा और सामने का दरवाज़ा खुलने ही वाला है। लेकिन घंटी तो कुछ देर से बज रही है, कॉक-पोन, कॉक-पोन! मेरी सांसारिक इच्छाएँ खत्म हो गई हैं... मैं अपनी पढ़ाई में डूबा हुआ हूँ, नहीं, मैं इच्छाओं से भर गया हूँ! मैं परमानंद की कगार पर हूँ! नहीं, नहीं! मुझे कुछ नहीं करना चाहिए। अगर मैं बस इस मुकाम से आगे निकल जाऊँ, तो मैं कुछ भी हासिल कर लूँगा।