हारुना हाना, एक कामुक, सुडौल विधवा, अपने पति को खो चुकी है और उससे उबर नहीं पा रही है। इसके बजाय, वह अपने आस-पास के लोगों की सहानुभूति और दया से अभिभूत है। दिल टूटकर, वह देहात की ओर निकल पड़ती है, जहाँ उसे कोई नहीं जानता। देहात के लोग उसे स्वीकार करते हैं और उसे अपनी गाँव की दुल्हन बनाते हैं।