अगर हम इसे महिलाओं पर छोड़ दें, तो हमें कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है!! भले ही उत्तेजना के कारण खुले मूत्रमार्ग से गंदी बदबू आ रही हो, भले ही हम कपड़े पहने हुए नितंबों की पैंटी लाइन को गौर से घूर रहे हों, भले ही अस्पताल में भर्ती होने के दौरान ड्यूटी पर मौजूद नर्स जब हमारी बदबूदार जांघों को पोंछ रही हो, तब भी हमें उत्तेजना हो, मदर टेरेसा मुस्कुराकर सब कुछ माफ़ कर देंगी!! "वाह! आंटी की चूत तो वाकई बाहर निकली हुई है!!" "ऐसा इसलिए है ताकि वो आपके लिंग को आराम से लपेट सके◆" "मुझे आंटी की चूत बहुत पसंद है! ये बड़ी है, मेरी दोस्त शिज़ुका की नहीं!!" "वयस्कों के नितंबों की तो बात ही कुछ और होती है!! चलो, ज़रा गौर से देखो◆" ये महिलाएं जो असामान्य यौन प्रवृत्तियों को सहजता से स्वीकार कर लेती हैं, सेक्स प्रचारक हैं!! ये वाकई योनि की मुश्किलों से हमें बचाती हैं!!